ड्रग संबंधी उपचार: क्या काम करता है?
साक्ष्य-आधारित उपचार जिसमें वर्तमान उत्तम साक्ष्य के आधार पर उपचार संबंधी फैसले लिए जाते हैं, इसमें मरीज़ की विशेषताओं, परिस्थितिओं और उनकी पसंद-नापसंद पर ध्यान दिया जाता है। आम तौर पर या साधारण परिस्थितियों में यह उपचार अनुकूल परिणाम प्रदान करना चाहिए । शराब पीने और ड्रग लेने के मामलों में अनुकूल परिणाम व्यक्ति और समाज के लिए ख़तरों और लाभों के बीच संतुलन दर्शाते हैं। नीचे विभिन्न प्रकार की चिकित्साएँ हैं, और उनका प्रासंगिक प्रयोग, जो की उपलब्ध शोध के प्रमाणों पर आधारित है।
अफ़ीमसम के लिए दवाई सहायक उपचार (एमएटीओडी) (Medication Assisted Treatment for Opioids (MATOD)) जीपी (GP) कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए एसए (SA) स्वास्थ्य वेबसाइट पर जाएं
आरंभिक हस्तक्षेप और लघु उपचार शराब पीने और ड्रग लेने संबंधी ख़तरों और नकारात्मक प्रभावों के बारे में व्यक्ति की जागरूकता बढ़ाने पर ज़ोर देने और व्यक्ति को उपचार प्राप्त करने और/या शराब/ड्रग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के विषय में जानकारी प्रदान करते हैं। ऐसे हस्तक्षेप उन व्यक्तियों के लिए सबसे उचित हैं जिन्होंने कम समय के लिए शराब और ड्रग का प्रयोग किया है और इनके द्वारा प्रयोग की गई मात्रा से कम या मध्यम स्तर का ख़तरा होता है।
दवा की सहायता से किसी ड्रग पर निर्भर होने की लत को छुड़वाने के लिए किए गए हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करते हैं कि छोड़े जाने पर शरीर में होने वाली प्रक्रिया को सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा सके। बहुत लोग यह मानते हैं या मानना चाहते हैं कि शराब और ड्रग पर निर्भरता का अंत करने का सबसे आसान तरीका है उनका प्रयोग करना छोड़ देना और खून में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। परंतु, इस विषय में विभिन्न देशों से मिले अनुभवों से पता चलता है कि चाहे कोई भी ड्रग हो, उसे छोड़ने के बाद व्यक्ति का फ़िर से उनका प्रयोग करना शुरू करना अत्यधिक आम बात है; यदि उसे उचित पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल न किया जाए।
प्रतिस्थापन उपचार में व्यक्ति को ऐसी दवाई दी जाती है जिसके औषधीय प्रभाव ड्रग के प्रभाव के समान होते हैं परंतु इस दवाई से व्यक्ति को ड्रग के मुकाबले कम ख़तरे का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में, प्रतिस्थापन उपचार का प्रयोग केवल अफ़ीमसम और तंबाकू के प्रयोग को छुड़वाने के लिए किया जाता है। इस उपचार से यह लाभ मिलता है कि ड्रग लेने का आदी व्यक्ति ड्रग पर निर्भरता के कारण शरीर पर होने वाले प्रभावों से निपटने से पहले अपने स्वास्थ्य और अपनी सामाजिक गतिविधियों को स्थिर कर सकता है और ख़तरनाक व्यवहारों को अपनाने से बच सकता है।
यहां फैक्ट शीट और दूसरी नैदानिक जानकारियां उपलब्ध हैं जो स्वास्थ्य कर्मियों को सामान्य प्रैक्टिस के दौरान शराब और ड्रग संबंधी मामलों में मरीज़ का उपचार करने में मदद कर सकती हैं।
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इनका लक्ष्य ड्रग छोड़े हुए व्यक्ति के ड्रग-प्रयोग सबंधित व्यवहार में परिवर्तन लाना है और व्यक्ति की विभिन्न मानसिक समस्याओं, उसकी वास्तविक आवश्यकताओं (घर, रोज़गार, वित्तीय प्रबंधन) और सामाजिक मेल-जोल (पारिवारिक मुद्दे; ऐसे लोगों से साथ मेलजोल करना जिनका ड्रग से कोई संबंध नहीं) पर ध्यान देना है। दवाइयों के साथ-साथ व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक उपचार भी उसके औषधीय उपचार का आवश्यक हिस्सा हो सकता है ताकि वह उपचार के सभी पहलुओं का पालन करे और कम-से-कम ड्रग का प्रयोग करे।
ये कार्यक्रम सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं जहां ड्रग मुक्त जीवनशैली को प्रोत्साहन देने वाले कौशल और दृष्टिकोण विकसित किए जा सकते हैं। उपचारात्मक समुदाय, आवासीय पुनर्वास का एक उप-वर्ग है जो निर्णयों और कार्यों के लिए व्यक्तिगत उत्तरदायित्व स्वीकार करने, और निवासियों को उनके उपचार के एक हिस्से के रूप में 'रोज़मर्रा की जिंदगी' के कार्यों को सौंपने पर ज़ोर देता है। आवासीय कार्यक्रमों के माध्यम से उपचार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को अपना काफ़ी समय देने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार का उपचार उन व्यक्तियों के लिए सबसे उपयुक्त है जिन पर ड्रग का बहुत बुरा प्रभाव हुआ है, जो आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो चुके हैं और जो सामाजिक भेदभाव का शिकार हुए हैं।
व्यक्ति द्वारा ड्रग का प्रयोग शुरू करने और उसका प्रयोग जारी रखने में मनिवैज्ञानिक अनुकूलन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, ड्रग लेने के बाद व्यक्ति को जिस अत्यंत उत्साह का अहसास होता है, वही उसे बार-बार ड्रग लेने के लिए प्रबल रूप से प्रोत्साहित करता है। ड्रग के प्रति लालसा, उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करना और उसके अत्यंत उत्साह के अहसास को रोकने के लिए ब्लॉकिंग एजेंट का प्रयोग किया जाता है ताकि ड्रग की प्राप्ति अथवा उसकी इच्छा वाले व्यवहार को नष्ट किया जा सके। उदाहरण के तौर पर नॉल्ट्रेक्सोन का प्रयोग उपचार पूरा होने के बाद व्यक्ति द्वारा फ़िर से अफ़ीमसम और शराब के सेवन को रोकने के लिए किया जाता है।
प्रतिकूल एजेंट का प्रयोग ड्रग के साथ करने से एक अप्रिय प्रतिक्रिया होती है; व्यक्ति ड्रग के सकारात्मक प्रभावों के बदले नकारात्मक प्रभावों का सामना करता है । वर्तमान में, एकमात्र प्रतिकूल एजेंट का नाम डिसलफ़िरम (एंटाब्यूज़) है जिसके प्रयोग के बाद यदि व्यक्ति शराब पीता है तो उसे उबकाई और संभवतः उल्टियां आती हैं। व्यक्ति को यदि सुबॉक्सोन का इंजेक्शन लगाया जाए तो इसी प्रकार का परिणाम होता है; सुबॉक्सोन का प्रयोग अफ़ीमसम पर निर्भरता को मिटाने के लिए किया जाता है।
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नशीले पदार्थ एवं शराब संबंधी परामर्श सेवा (The Drug and Alcohol Clinical Advisory Service (DACAS)) दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नैदानिक प्रक्रियाओं, दिशानिर्देशों और साक्ष्य-आधारित उपचारों के बारे में टेलीफ़ोन और ईमेल के माध्यम से नैदानिक जानकारी और स्पष्टीकरण प्रदान करती है। यह सेवा प्रॉक्सी मेडिकल कवर प्रदान नहीं करती और मरीज़ की प्रत्यक्ष सेवा के लिए उत्तरदायी नहीं है। सप्ताह के 7 दिन सार्वजनिक छुट्टियों के दिन भी सुबह 8:30 से रात के 10 बजे (08) 7087 1742 पर कॉल करें या HealthDACASEnquiries@sa.gov.au. पर अपने प्रश्न हमें ईमेल करें।
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